Flax Seeds in Hindi जाने 11 अलसी के फायदे हिंदी में

आज का पोस्ट जो flax seeds in Hindi में है इसमें आप अलसी के बीजो के फायदे, flax seeds meaning in Hindi, उपयोग के तरीके आदि के बारे में जानोगे। जेसे हम सब जानते है अगर हम सही वास्तु की सही जगहा पर प्रयोग करे तो हम उसके बहुत सारे फायदे ली सकते है, सर्त ये है की उसका सही उपयोग और उसका सही ज्ञान आपको होना चाहिए।

दोस्तों प्रकति ने हमे इतना कुछ दिया है अगर हमे उनका सही से ज्ञान हो और उनको सही से उपयोग में लिया जाए तो हम नैचुरली ही घर में ही अपना सही से उपचार कर सकते है और ओने वाले रोगों से बाख भी सकते है, उन्ही मे से एक Flax Seeds भी है,

जेसे के हमने अपने पिछले पोस्ट में Castor oil तथा Avocado in Hindi के बारे में बताया था उसी तरहा flaxseed भी बहुत उपयोगी है। इसमें पाए जाने वाले तत्व दिल के मरीजो, जोड़ो के दर्द में, स्किन प्रॉब्लम में, कोलेस्ट्रोल के लेवल को कम करने तथा और भी कई कामो में काम आता है।

Flax Seeds in Hindi

दोस्तों अलसी पुराने समय से काम में लिए जान वाला पौधा है, इस पौधे में जो बीज निकलते है उसका उपयोग प्राचीन काल से ही मानव जगत में खाने के लिए काम में लिया जाता आ रहा है । इसकी खेती पुरे विश्व भर में की जाती है और इसको असानी से उगाया भी जा सकता है

इसके ओषधिय गुणों के कारण इसकी महता और ज्यादा बाद गयी है। बाजार में आप इसको असहनी से खरीद सकते हो और आप इसको ऑनलाइन भी खरीद सकते हो। ये सामान्यतया दो रंगों सुनहरा और पीले रंग में पाया जाता है

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Flax Seeds in Hindi with meaning

Flax seeds meaning in Hindi

आपको बता दे की Flax seeds meaning in Hindi अलसी के बीज होता है। Flax means अलसी होता है तथा सीड्स का तात्पर्य बीजो से होता है। ये मुख्य रूप से गर्म इलाकों पर उगने वाला पौधा है जिसकी खेती भी बहुत की जाती है।

अत Flax seeds को हिंदी अलसी के बिज कहते है लेकिन भारत बहुत बड़ा देश यहाँ और भी भाषाए बोली जाती है, बहुत सारे इलाको में अनाजो को लोकल भाषा में कुछ अलग नाम से पुकारते है, इसलिए आप भी ध्यान दे की आपके वहा अलसी को किस नाम से पुकारा जात है

वैसे हमने निचे पूरा पादप वर्गीकरण दे दिया है जिससे आप आशानी से पता कर सकते हो की लोकल भाषा में चाहे किसी नाम से पुकारे लेकिन पादप वर्गीकरण तो एक ही होता है

स्वप्नदोष की रामबाण दवा

पादप वर्गीकरण

जगत पादप
अश्रेणीत पुष्पीय पौधे
अश्रेणीत एकबीजपत्री
अश्रेणीत रोज़िड्स
गण मैल्पिजिएल्स
कुल लिनेसी
वंश लाइनम
जाति L. usitatissimum

अलसी

अलसी एक बहुत ही पौष्टिक और स्वस्थ वर्तनी है। यह भारत में फसल के रूप में उगाई जाती है और उत्तर अमेरिका, यूरोप, रूस और कनाडा में भी पायी जाती है। यह पौधा ज्यादातर तापमान और खेती की सुविधाओं के साथ उगाया जाता है। अलसी का प्रयोग विभिन्न प्रकार की बीमारियों के उपचार के लिए किया जाता है। इसके साथ ही इसके सेवन से वजन घटाने से लेकर, बालों की सेहत सुधारने तक कई फायदे होते हैं।

अलसी का वैज्ञानिक नाम “लिनम उसिटाटिस” होता है। इसमें प्रोटीन, आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, फाइबर, ऑमेगा-3 फैटी एसिड आदि पोषण तत्व पाए जाते हैं। इसके अलावा अलसी में विटामिन सी, विटामिन ई, बी कम्प्लेक्स, क्लोरोफिल आदि भी मौजूद होते हैं। इन सभी पोषण तत्वों के कारण अलसी का सेवन लाभदायक होता है।

Flax seeds Benefits in Hindi अलसी फ्लक्स सीड्स के फायदे

अगर आप Flax seeds का सही उपयोग करे तो इसके फायदे भी बहुत सारे है, Flax seeds Benefits में दिल के मरोजो को कोलेस्ट्रोल कम करता है, मोटापा कम करता है, सुगर के मरीजो के लिए रामबाण दावा के रूप में काम कर्ट है,

इसके अलावा ये सरीर में उत्पन हानिकारक प्रदार्थ जो डेली शारीर में बनते रहते है उनको भी निकालने में मदद करता हैं, महिलाओ में रजनोवृत्ति मेनोपॉज़ के समय आने वाले मानशिक उअतर चदाव को ठीक करने में काफी हद तक मदद करता है,

अलसी का तेल और इसके बीज दोनों ही काम में लिए जाते है, इसके बीजो में अनेक प्रकार के अतिआवश्यक प्रदार्थ पाए जाते है जो मानव स्वास्थ्य को सुचारो बनाये रखने में काफी मदद करते है,

वैसे इसके फायदे तो बहुत है आप अपने हिसाब से उपयोग में लेकर उस हिसाब से उक्त रोग का उपचार करने में सपोर्ट कर सकते है, हमने निचे पूरा विस्तार से लिखा है, चलिए पढते है उनमे से कुछ प्रमुख :-

1. दिल के मरीजो में 

दोस्तों अनुचित खाना पान ज्यादा तेलिय प्रदार्थो का सेवन बिना व्यवाम के कारण आजकल दिल के मरोजो की संख्या बदती ही जा रही है, अगर हम सही से ध्यान रखे तो हर्दय सम्बन्धी बीमारियों को काफी हद तक खान आन से ही ठीक कर सकते है

अगर आप रोजाना ढेरो दिल की दवाये खाते है तो इस प्रकार के घरेलु उपचार (Seeds) आपको फायदा देकर आप अपने Health में काफी हद तक सुधर ला सकते है, जो पूर्ण रूप से नेचुरल होंगे और पैसे भी बहुत कम लगेंगे

दिल के मरोजो के लिए इसके बीज बहुत ही फायदेमंद शाबित होते है, इसमें पाए जाने वाले  पॉलीअनसेचुरेटेड (Polyunsaturated) तथा मोनोअनसेचुरेटेड (monounsaturated) वसा हृदय-स्वास्थ्यवर्धक होते है क्योकि इसमें ओमेगा -3 फैटी एसिड अच्छी मात्रा में पाया जाता है।

  • ये Plaque formation in arteries को काम करता है जिससे हार्ट अटैक की वाले रोगियों में काफी लाब मिलता है।
  • ये धमनियों की सुजन को भी कम करते है इसलिये आप अपने देनिक आहार में कुछ मात्रा अलसी के बीजो की भी शामिल करे।
  • इसमें पायी जाने वाली  पॉलीअनसेचुरेटेड  तथा मोनोअनसेचुरेटेड वशा दिल के स्वास्थ्य लिये जरुरी होती है, 
  • इन वसा में  ओमेगा -3 फैटी एसिड पाया जाता है जी दिल के लिए वरदान होता है,

दिल के मरीजो में

2. रजनोवृत्ति मेनोपॉज़ 

जब एक उम्र हों जाने के बाद महलाओ में पीरियड्स आने बंद हो जाते है जिसे मेनोपॉज़ कहते है,  मेनोपॉज़ के बाद महिलाओ में बहुत सारे चेंगेज आते है जिसके कारण महिलाओ की मानसिकता मे भी भारी उतार चडाव आता है,

अलसी का तेल रजनोवृत्ति के लक्षणों के उपचार में काफी उपयोगी साबित होते है। इसमें एक लिगनन यौगिक पाया जाता है जिसमे एस्ट्रोजेनिक गुण होते जो योनी के सूखेपन को कम करते है तथा मुड में उतार चदाव व हॉट फ्लाशेस को कम करता है।

  • मैरीलैंड मेडिकल सेंटर के अनुसार अगर कोई महिला नियमित एक चम्मच अलसी के बीजो का सेवन करती है।
  • तो रजोनिवृत्ति के दौरान आने वाले लक्ष्ण काफी हद तक कम हो जाते है

रजनोवृत्ति

3. कोलेस्ट्रॉल

आजकल कोलेस्ट्रोल बड़ने की बिमारी आम है, ये काफी हद तक खान पान के कारण होती है, हाई ओईली फ़ूड से कोलस्ट्रोल बढना जाहिर है., बहुत सारे अनुसंधान से पता चला है की

  • अलसी तेल में पाए जाने वाले घुलनशील फाइबर कोलस्ट्रोल के अवशोषण को रोकने का काम करते है।
  • अगर आपको भी high cholesterol की समस्या है तो आप इसका नियमित सेवन कर सकते है।

कोलेस्ट्रॉल

4. मोटापे में 

अनियमित खान पान और ज्यादा तेलिय प्रदार्थ खाने से मोटापा आने लगता है, और इसकी वजह से सुगर और हाई ब्लड प्रेसर जेसी बिमारिय भी होने लगती है,  ये मोटापे में भी अपना कारगर प्रभाव डालता है।इसमें वजन को कम करने वाले आवश्यक प्रदार्थ जैसे लिगनन, फाइबर और ओमेगा -3 फैटी एसिड आदि प्राप्त मात्र में पाए जाते है।

  • अलसी विटामिन बी, मैग्नीशियम, पोटेशियम तथा जस्ता की अच्छी अमत्र पायी जाती है,
  • जो वजन को कम करने में मदद करते है।
  • Flax Seeds में अच्छी मात्र में फाइबर पाए जाते है
  • जो एक बार खाने के बाद काफी समय तक भूख नहीं लगने देते,
  • जिससे वजन कम करने में मदद मिलती है।

      मोटापे में

5. कैंसर में 

कैंसर जैसिभायाक बिमारी से सब डरते है और ये आजकल होती भी बहुत ज्यादा है लेक्कं इसके होने के पीछे बहुत सारे फैक्टर काम करते है,

अगर हम खान पान में सही ध्यान दे तो इसकी सम्भावन को काफी हद तक कम कर सकते है, बड़े बड़े अनुसंधानो के अद्यायनो पर घोर करे तो पाते है की अलसी के बीज कैंसर जेसी बिमारी को रोकने में भी काफी मददगार होता है।

  • इसमें लिगनन उच्च मात्रा में पाता जाता है।
  • जो ट्यूमर कोशिकाओं के प्रसार एवं हार्मोन चयापचय को बढावा देने वाले एंजाइमों को रोकता है।

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कैंसर

6. मधुमेह रोगियों में 

इसमें पाया जाने वाला अल्फा-लिनोलेनिक एसिड मधुमेह नियंत्रण के लिए बहुत ही उपयोगी है, तथा इसमें fibers की भी अच्छी मात्र पायी जाती है, और हम जानते है की fibers सुगर के मरीजो के लिए बहुत आवश्यक प्रदार्थ होता है, वेसे मदुमेह के लिये Quinoa का भी उपयोग कर सकते है इसमें भी fibers की मात्र होती है।

  • अलसी मधुमेह रोगियों के लिए भी काफी कारगर होती है।
  • कुछ शोड़ो में पाया गया है की 12 हफ्तों तक लगातार सुप्लिमेंट के रूप में फ्लाक्स्सीड्स का उपयोग करने पर रक्त ग्लूकोज में कमी आती है।
  • इसमें अल्फ़ा लिनोलेनिक एसिड तथा पाए जाना वाला प्रोटीन फाइबर रक्त गुलुकोज को कम करता है।
  • इसके प्रयोग से पहले अपने रेगुलर डॉक्टर की सलाह जरुर ले।

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मधुमेह रोगियों में

7. पाचन में 

दोस्तों जब आपका पाचन सही नहीं होता है तो बहुत साड़ी बिमारिय आपको पकड़ लेती है, सुगर जेसी बीमारी भी एक पाचन विकार ही है, साथ में मोटापा, दिल आदि बिमारिया भी डायरेक्ट या अप्रत्यक्ष रूप से पाचन क्रिया के कारण ही होती है,

जेसा की बताया गया है की flaxseed seeds में उछ मात्र में फाइबर होते है, जैसा की हम सब जानते है भोजन पाचन के लिए fibers की अच्छी मात्र होना बहुत जरुरी है, ये भोजन के पाचन में सहायता देते है।

  • ये कब्ज में भी सहायता करता है, अगर आपको रेगुलर कब्ज रहती है तो आप इसका सेवन कर सकते है।
  • इसके लिए आप साथ में पानी अधिक पिए क्योकि हाई फाइबर के लिए पानी आवश्यक होता है।

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पाचन में

8. विषाक्त प्रदार्थों में 

जब हम भोजन या कुछ पिटे है तो उनसे कुछ लाभदायक और कुछ हानिकारक पर्दार्थ बनते है, लाभदायक तत्वों का सरीर में अवसोषण होकर हमे उर्चा और ताकत मिलती है लेकिन हानिकारकपर्दार्ठो को बहार निकलना भी जरुरी होता है क्योकि ये यदा समय तक अन्दर रहते है तो भरी नुकशान पहुचाते है।

शरीर में रोजाना बहुत सारे अपशिष्ट प्रदार्थ बनते रहते है, जो लीवर, kidney आदि के द्वारा बाहर निकल दिए जाते है लेकिन इनको बहार निकालने के लिये कुछ बाहरी प्रदार्थ भी चाहिए।

  • अलसी  Flax Seeds शरीर में उत्पन्न होने वाले विषाक्त प्रदार्थों को शरीर से बहार निकलने में भी काफी मदद करता है।
  • ये अन्तो और लीवर में इखट्टे होने वाले अपशिष्ट प्रधारतो को बहार निकलने में मदद करता है।

विषाक्त प्रदार्थों में

9. बालो में 

बालो के स्वास्थ्य को सुचारू बनाए के लिए हम रोजाना कितने जातां करते है, इसके लिए हम महंगे तेल, सेम्पू आदि का प्रयोग करते है लेकिन हम इसके +++ से भी काफी हद तक पा सकते है,

हम आजकल ज्आयादा स्जटाइलिश होने लग गए जिसके कारण हम बालो पर कुछ न कुछ लगाकर उनको थोडा अलग और खुबसूरत बनाते रहते है, लेकिन इन सबसे बालो की समस्या एक आम बात हो गयी है।अगर आपको भी झड़ते बालो की समस्या है तो आपके लिए Flax Seeds फायदेमंद साबित होन्गे।

  • इसमें पाया जाने वाला विटामिन इ बालो को मज्बोत करता है।
  • तथा सोरैसस के कारन झड़ने वाले बालो के लिए भी ये लाभकारी होता है।
  • अगर आपके बाल घुंघराले है और आप सीधे करना चाहते है।
  • तो आप Flax Seeds को उबालकर उसका जेल जेसा पेस्ट बना ले।
  • उसको बालो पे लगाये आपके गुन्घ्राले बालो की समस्या दूर हो जाएगी।

बालो में

11. त्वचा में 

दोस्तों त्वचा के लिए भी ये काफी उपयोगी है, अआज्क समय में हम त्वचा को चमकदार और फ्रेश बनाए रखने के लिए पता नहीं कितने क्रीम काम में लेते है लेकिन आपको बता दे की जब तक अंदरूनी खान पान सही नहीं होगा त्वचा का पोषण नहीं हो पाटा और बिना पोषण के आप चाहे कुछ भी लगा दो त्वचा पर कोई इफ़ेक्ट नहीं पड़ने वाला उल्टा ज्यादा खराब होती है।

  • ये त्वचा के लिए भी काफी उपयोगी है, ये धूप की कालिमा, त्वचा एलर्जी, मुँहासे, एक्जिमा आदि में फायदेमंद होता है।
  • इसमें  एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होता है जो हमारि त्वचा पर ऊतक सूजन, लालिमा, त्वचा में जलन, दाद तथा चकत्ते आदि को कम करने में सहायक होता है।

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त्वचा में

12. उम्र बढाने में

दोस्तों वेसे तो हम सब जानते है हमारी उम्र को हम अपनी activity और सही खान पान से काफी हद तक बड़ा सकते है, इसमें पाया जाने वाले एंटी-ऑक्सीडेंट उम्र को बढाने में और रोगों से लड़ने में काफी मददगार होते है।

13. तेल

दोस्तों अलसी के बीज के साथ इसका तेल भी काफी उपयोगी है, इसके तेल को लेकर चहरे पर हलकी मालिश करने पर चहरे पर चमक आती है, लेकिन अगर आपका चेहरा ऑयली है तो आप इसे ना लगाए कोई ज्यादा ऑयली चहरे पर तेल लगाने पर कील मुहांसों की समस्या बड़ने का भी चने होता है।

Flax Seeds harm अलसी बीज से नुकसान

दोस्तों हम सब जानते है कोई चीज हो चाहे वो ओषधि हो या और कुछ सबसे फायदों के साथ कुच्छ नुक्सान भी होते है, आपने फायदों के बारे में जान लिया होगा लेकिन इसके कुछ नुक्सान भी है जो निम्न प्रकार है :-

  1. स्तनपान और गर्भवती महिलये इससे दूर रहे ।
  2. अगर आप कोई रक्त को पतला करने वाली दवाई ले रहे है तो इससे बचे।
  3. प्रोस्टेट केंसर तथा हारमोंस के प्रति सवेदनशील व्यक्ति ना ले।
  4. हाई ग्लूकोस वाले मरीज डॉक्टर की सलाह से इसका उपयोग करे।
  5. इसकी मात्रा निम्न रखनी चाहिये अधिक मात्र कब्ज की समस्या लाती है।
  6. अगर आपको इससे एलर्जी है तो इससका सेवन नहीं करे।

वार्निग – अगर आप गरभवती हो या अप गर्भधारण करना चाहती हो तो आप इसका सेवन न करे, गर्भधारण की अवसथ में ये नुकशान दायक होता है, क्योकि इसके बीजो में एस्‍ट्रोजन जेसे गुण होते है जो निकसान भी कर सकते है, वैसे आप चाहे तो हमारा गर्भधारण के फ़ास्ट तरीके का पोस्ट भी पद सकते है।

सुबह खाली पेट अलसी खाने से क्या होता है?

सुबह खाली पेट अलसी खाने के कई फायदे होते हैं। यह शरीर के लिए बहुत ही पौष्टिक होती है जो कि सेहत के लिए बहुत उपयोगी होती है। यहां इसके कुछ फायदे बताए जा रहे हैं:

  1. अलसी शरीर में एंटीऑक्सिडेंट और ऑमेगा-3 फैटी एसिड का स्रोत होती है, जो शरीर को कई बीमारियों से बचाता है।
  2. अलसी शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होती है, क्योंकि इसमें फाइबर और प्रोटीन का अच्छा स्रोत होता है।
  3. अलसी खाने से पेट की जलन दूर होती है और पेट से संबंधित कई समस्याओं से राहत मिलती है।
  4. अलसी खाने से सुधार होता है कि आपका शरीर स्वस्थ रहता है। इसमें मौजूद फाइबर के कारण यह शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालता है।
  5. अलसी में उपस्थित ऑमेगा-3 फैटी एसिड रक्त को अधिक पतला करता है जो कि हृदय रोगों की आशंका कम करता है।

1 दिन में कितनी अलसी खानी चाहिए?

अलसी का सेवन दिन में कितना किया जाना चाहिए इसमें कुछ निर्भर करता है कि आप क्या उद्देश्य से अलसी खा रहे हैं। यदि आप अलसी को अपनी डाइट में शामिल करने का मकसद वजन कम करना है तो आपको एक दिन में दो टेबल स्पून अलसी का सेवन करना चाहिए।

यदि आप अलसी को अपनी डाइट में शामिल करने का मकसद सेहत सुधारना है, तो आपको एक दिन में एक या दो टेबल स्पून अलसी का सेवन करना चाहिए।

यदि आप अलसी को अपनी डाइट में शामिल करने का मकसद रोग प्रतिरोधक शक्ति को बढ़ाना है, तो आपको एक दिन में एक या दो टेबल स्पून अलसी का सेवन करना चाहिए।

याद रखें, अलसी का सेवन करने से पहले अपने चिकित्सक से सलाह लें, विशेष रूप से यदि आपको किसी भी प्रकार की अलर्जी होती है।

अलसी को कब और कैसे खाएं?

अलसी के सेवन के लिए सबसे अच्छा समय सुबह के समय खाली पेट होता है। आप एक चम्मच अलसी को एक गिलास पानी में भिगो दे सकते हैं और इसे रात भर भिगोने के बाद सुबह खाली पेट ले सकते हैं।

अलसी के दाने को पीसकर या उबालकर भी लिया जा सकता है। अगर आप अलसी को पीसकर खाते हैं तो उसे खाने से 15-20 मिनट पहले थोड़ा पानी में भिगो दें। अलसी के दाने को उबालकर भी खाया जा सकता है। उबालकर अलसी लेने से पहले, उसे धो लें और उसे पानी में 10-15 मिनट भिगो दें। उसके बाद, अलसी के दाने को पानी के साथ उबालें, फिर उसे छान लें और उसे गुदगुदी के साथ पी लें।

ध्यान रखें कि अधिक मात्रा में अलसी लेना अनुशंसित नहीं है। आमतौर पर, दैनिक रूप से 1 से 2 चम्मच अलसी लेना सुरक्षित माना जाता है। जब आप अलसी का सेवन करना शुरू करते हैं, तो ध्यान रखें कि आप इसे थोड़ी-थोड़ी मात्रा में शुरू करें ताकि आप अपने शरीर के रिएक्शन का पता लगा सकें

भुनी हुई अलसी के क्या फायदे हैं?

भुनी हुई अलसी खाने के कई फायदे होते हैं। नीचे कुछ मुख्य फायदे बताए गए हैं:

  1. पाचन क्रिया को सुधारता है – भुनी हुई अलसी में मौजूद एन्जाइम आहार को पाचन करने में मदद करते हैं। इसलिए, इसे खाने से पाचन क्रिया मजबूत होती है और भोजन को ठीक से पाचन किया जा सकता है।
  2. त्वचा के लिए फायदेमंद – भुनी हुई अलसी में विटामिन ई, ऑमेगा-3 फैटी एसिड और एंटीऑक्सिडेंट तत्व होते हैं। इसलिए, इसका नियमित उपयोग त्वचा को ग्लोइंग और स्वस्थ बनाए रखता है।
  3. वजन घटाने में सहायक होता है – भुनी हुई अलसी में फाइबर और फैट घटाने के लिए उपयोगी अन्य तत्व होते हैं। इसलिए, इसे वजन घटाने के लिए उपयोग किया जा सकता है।
  4. चिंता और तनाव को कम करता है – भुनी हुई अलसी में मौजूद ऑमेगा-3 फैटी एसिड तनाव और चिंता को कम करने में मदद करता है।

क्या गर्मी में अलसी खाई जा सकती है?

हां, गर्मी में अलसी खाई जा सकती है। अलसी को बीच-बीच में ठंडे पानी से सेवन किया जा सकता है या फिर इसे दूध, चाशनी और जूस जैसे ठंडे पदार्थों में मिलाकर भी सेवन किया जा सकता है। इससे शरीर को ठंडक मिलती है और उसे गर्मी के असर से बचाया जा सकता है। हालांकि, यदि आपको गर्मियों में ज्यादा गर्मी लगती है तो अलसी का सेवन कम कर देना चाहिए या फिर डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

Verdict

दोस्तों अगर आपको भी कोई फलक्स सीड्स के फायदों के बारे में मालुम हो तो आप हमें कमेंट के जरिये बता सकते है। अगर आपने कभी इनका इस्तेमाल किया है तो आप अपना एक्स्पेरिंस शेयर कर सकते है। आशा करते है आपको ये flaxseed in hindi meaning का पोस्ट पसंद आया होगा।

यहाँ हमने flax seeds in Hindi meaning के साथ इसके फायदे और और नुकसान भी शेयर किये है। अगर आपके पास alasi seeds बारे में और कोई नविन जानकारी है तोflaxseed meaning in Hindi तथा इससे जुडी और जानकारी हमें जरुर दे।

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